एक अधूरी उड़ान...। एक अधूरी उड़ान...।
बदलती दुनिया के परिदृश्य में बदलती हुई स्त्री की भूमिका को अबिव्यक्त करती यह रचना दुनिया बदलेगी ! बदलती दुनिया के परिदृश्य में बदलती हुई स्त्री की भूमिका को अबिव्यक्त करती यह रचन...
"खुशी" थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है और "संतुष्टि" हमेशा के लिए खुशी देती है। "खुशी" थोड़े समय के लिए संतुष्टि देती है और "संतुष्टि" हमेशा के लिए खुशी देती ...
मुझे सीढ़ी पर रूढ़िवाद समाज लिपटा हुआ दिखता है! मुझे सीढ़ी पर रूढ़िवाद समाज लिपटा हुआ दिखता है!
प्रेम सुधा का घन है नारी, सुगंधित मानो उपवन है नारी! प्रेम सुधा का घन है नारी, सुगंधित मानो उपवन है नारी!
न कह देना के ख़ुद को भूल जाओ ,के मेरी पहचान ही मेरी ताक़त है,अपना सको तो अपनाना मेरे वज़ूद को,के इसी मे... न कह देना के ख़ुद को भूल जाओ ,के मेरी पहचान ही मेरी ताक़त है,अपना सको तो अपनाना मे...